10000 फर्जी सिम र्जारी करने वाले आरोपी को राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर ने गिरफ्त में लिया


10000 फर्जी सिम र्जारी करने वाले एक और आरोपी को राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर  ने किया गिरफ्तार 

पूर्व में राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर द्वारा करीबन 10000 फर्जी सिमों को बेचने वाले गिरोह का किया था पर्दाफाश
इन्ही फर्जी सिमों का प्रयोग कर महाराष्ट्र में हज़ारों डॉलरों की धोखाधड़ी की घटना को दिया गया अंजाम, क्राइम ब्रांच पुणे में प्रकरण पंजीबध किया गया।
राजस्थान में इन्ही फर्जी सिम एवं paytm वॉलेट के उपयोगकर्ताओं के द्वारा olx के माध्यम से 150000 की धोखाधड़ी की गयी, थाना सांगानेर जयपुर में प्रकरण पंजीबद्ध।
पुणे में इन्ही फर्जी सिम एवं paytm वॉलेट के उपयोगकर्ताओं के द्वारा olx के माध्यम से 56000 की धोखाधड़ी की गयी, थाना पिंपरी पुणे में प्रकरण पंजीबद्ध।
उक्त मामले में दो अपराध दर्ज थे एवं उक्त दोनों अपराध में आरोपी आकाश अहिरवार था काफी लम्बे समय से था फरार |
पूर्व में गिरफ्तार आरोपी निशांत पटेल को बेचता था फर्जी सिमों जिससे वो करता था फर्जी paytm KYC |
अन्य आरोपी अमित सोनी के साथ मिलकर फर्जी कंपनी अमित मोबाइल एजेंसी चलाता था 
Paytm Wallet एक्टिवेटिड सिमों को पुनः आरोपी निशांत को करता था विक्रय
तक़रीबन 500 फर्जी सिमों पर किया गया है paytm wallet का एक्टिवेशन 
उक्तसभी paytm वॉलेट पर देश के अन्य राज्यों में भी हैं सायबर के अपराध कायम 

विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल मुख्यालय भोपाल श्री राजेंद्र कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल म.प्र. श्री मिलिंद कानस्कर द्वारा प्रकरण के निकाल हेतु निर्देशित किया गया जिस पर से पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल जबलपुर श्री अंकित शुक्ला ने बताया कि थाना राज्य सायबर सेल के अपराध क्रमांक 269/19, 270/19 धारा 419,465, 468, 120B भादंवि व 66 डी आई.टी. एक्ट की कायमी आवेदक नरेन्द्र कुमार मिश्रा एवं इमरान उल हक जबलपुर द्वारा शिकायत की थी की किसी अज्ञात द्वारा आवेदक का फेसबुक प्रोफाइल हैक कर उसके फेसबुक मित्रों से रुपयों की मांग की जा रही है| शिकायत जांच में पाया गया की जिस आईडिया कंपनी की सिम से आवेदक की फेसबुक प्रोफाइल हैक की गयी थी वहएक कम्पनी आई.ए. सर्विसेज के नाम से पंजीकृत थी । विवेचना में पाया गया की आई. ए. सर्विसेज नाम की कोई भी कंपनी भौतिक रूप से नहीं है लेकिन आई. ए. सर्विसेज के नाम से 90 सिम फर्जी गुमाश्ता प्रपत्र संलग्न कर जारी किये गए थे । तकनिकी विश्लेषण के आधार पर पता चला की आई. ए. सर्विसेज नाम की कंपनीजिसके मालिक इमरान उल हक हैं की फर्जी सील एवं गुमाश्ता बनवा कर इमरान उल हक के करीबी मित्र अशफाक के द्वारा फर्जी सिमें जारी करायी गयी थी, जिसके सम्बन्ध में इमरान को कोई जानकारी नहीं थी ।
पूर्व में उक्त दोनों प्रकरण में 6 आरोपियों निशांत पटेल, सागर पटेल ,रोहित बजाज ,रितेश कनोजिया ,अमित सोनी ,अशफाक अहमद की गिरफ़्तारी हो चुकी है , इन आरोपियों में से निशांत पटेल ने  पूछताछ में बताया  था की उक्त फर्जी सिमें आरोपी आकाश अहिरवार द्वारा निशांत को बेचा दी जाती थी जिसका वह  paytm KYC करवाकर राज्य से बाहर अन्य राज्यों में विक्रय कर दिया जाता था।
इस प्रकरण में गिरफ्तार अन्य आरोपी अमित सोनी ने बताया था की वह आरोपी आकाश अहिरवार के साथ मिलकर आईडिया के पूर्व TSM रोहित बजाज से फर्जी सिम प्राप्त करता था 
आरोपी आकाश अहिरवार को गिरफ्तारी के वक़्त पूछताछ पर बताया गया की उसके द्वारा अन्य आरोपी अमित सोनी  से दोस्ती होने के कारण  उसने रुपयों की लालच में आकर निशांत को कई कंपनी की फर्जी सिमों बेची थी | ज्ञात हो की अमित सोनी द्वारा फर्जी अमित मोबाइल एजेंसी के नाम पर फर्जी कंपनी बनाई थी 
राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर द्वारा फर्जी सिमों के विक्रय करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद देश के अन्य राज्यों की पुलिस ने किया राज्य सायबर पुलिस ज़ोन जबलपुर से संपर्क,जिससे यह ज्ञात हुआ की उपरोक्त फर्जी सिमों का प्रयोग कर पुणे में अपराधियों द्वारा 5000 डॉलर की धोखाधड़ी की गयी है, इसी तरह डॉलर की धोखाधड़ी के अपराध हैदराबाद एवं महाराष्ट्र के अन्य जिलों में हैं,साथ ही जयपुर राजस्थान के थाना सांगानेर में OLX में आर्मी का जवान बनकर लाखों की धोखाधड़ी उक्त फर्जी सिमों का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी की राशि फर्जी paytm वॉलेट पर प्राप्त की गयी ।
आरोपी का विवरण- 
1.आकाश अहिरवार  आ० रमेश कुमार  उम्र 28 वर्ष नि० निवाढ़गंज , थाना कोतवाली  जबलपुर 
 
  

प्रकरण की विवेचना एवं आरोपीगण की गिरफ्तारी मे निरीक्षक हरिओम दीक्षित , उपनिरीक्षक नीलेश अहिरवार , आरक्षक अजीत गौतम, एवं महिला आरक्षक अवनी  की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
Shakeel kabeer

Cyber Crime Law Consultant and Tech Journalist by profession.Post graduate in cyber law and Journalism. Founder - cyber welfare society and WiFi India along with the team of IT experts.

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