इंटरनेट बैंकिंग इस्तमाल करते समय प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हुये 50,000/- रुपये की ठगी के शिकार

//टीएफआरआई के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक आवेदक से हुई ठगी की 50,000/- रुपयों की राशि को त्वरित कार्यवाही के द्वारा आवेदक को वापस कराया राज्य सायबर सेल जोन जबलपुर ने //

टी.एफ.आर.आई. के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हुये 50,000/- रुपये  की  ठगी के शिकार ।
किस्त भरने की प्रक्रिया के दौरान अनजान पॉपअप पर हुई आवेदक के साथ धोखाधडी ।
आवेदक द्वारा इंटर्नेट बैंकिंग के माध्यम से आईसीआईसीआई प्रूडेन्सियल लाइफ इंश्योरेन्स की किश्त भरी जा रही थी ।
किश्त की राशि वास्तविक रूप से आईसीआईसीआई फ्रूडेन्सियल मे ट्रांसफर न होकर संदिग्ध गोआईवीवो  खाते मे हुई ट्रांसफर ।
आवेदक द्वारा फोन के माध्यम से संपर्क होने पर त्वरित कार्यवाही के दौरान अनाधिकृत रूप से आहरित राशि को पुनः आवेदक को वापस कराया गया ।

                      विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल मुख्यालय भोपाल श्री राजेन्द्र कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर सेल म.प्र. श्री मिलिन्द कानस्कर द्वारा ठगों के विरुध्द अभियान चलाकर प्रकरण के निकाल हेतु निर्देशित किया गया जिस पर से पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल जबलपुर श्री अंकित शुक्ला ने बताया कि थाना राज्य सायबर सेल मे दिनांक 02.08.2020 को आवेदक डॉ0 अविनाश जैन ने एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर आवेदक द्वारा लेख करते हुये बताया गया कि आवेदक द्वारा स्वयं के मोबाइल से इंटर्नेट बैंकिंग के माध्यम से आईसीआईसीआई प्रूडेन्सियल लाइफ इंश्योरेन्स की किश्त जमा की जा रही थी जिसके दौरान एक पॉपअप खुलकर मेन पेज पर आया जिसे आवेदक द्वारा अनजाने मे अपने बैंक संबंधी समस्त गोपनीय जानकारी उक्त पॉपअप पर दर्ज कर दी गई । इसके कुछ देर पश्चात आवेदक के खाते से धोखाधडी पूर्वक 50,000/- रुपये डिडक्ट हो गये । उक्त शिकायत पत्र को शिकायत क्रमांक 307/2020 पर दर्ज किया गया एवं निरीक्षक हरिओम दीक्षित के निर्देशन मे उपनिरीक्षक प्रवेन्द्र दुबे एवं आरक्षक अजीत गौतम  द्वारा शिकायत को संज्ञान मे लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुये गोआईवीवो एवं आईसीआईसीआई प्रूडेन्सियल के नोडल अधिकारी को मेल किया गया, जिसके फलस्वरूप दिनांक 04.08.2020 को आवेदक डॉ0 अविनाश जैन के बैंक खाते से  आहरित धोखाधडी की राशि वापस आ गई । 
           शिकायत पर की गई त्वरित कार्यवाही मे निरीक्षक हरिओम दीक्षित, उपनिरीक्षक प्रवेन्द्र दुबे, एवं आरक्षक अजीत गौतम की महत्वपूर्ण व सराहनीय भूमिका रही।

क्या करें -  

धोखाधडी होने के तुरंत पश्चात यथाशीघ्र सायबर कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज करावें जितनी शीघ्रता से आप कार्यालय मे मय आवश्यक दस्तावेजों के संपर्क करेंगे,  पैसे वापस मिलने की संभावना प्रबल हो जायेगी, जैसे बीमार होने की दशा मे तुरंत डॉक्टर के पास जाने से लाभ होता है ।

इंटर्नेट बैंकिंग के उपयोग के दौरान स्वयं का मोबाइल / कम्प्यूटर एवं डेटा का उपयोग करें ।
गोपनीय पासवर्ड स्पेशल कैरेक्टर एवं अल्फा न्यूमेरिक कैरेक्टर  का उपयोग करके बनायें ।
राशि के ट्रांजेक्सन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लेवें कि राशि प्राप्त करने वाला खाताधारक अथवा रिसीपियन्ट्स वास्तविक है अथवा नही ।

क्या न करें  - 
किसी भी अनजान सोर्स पर ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया संचालित कदापि न करें ।
अनजान व्यक्ति द्वारा भेजी गई किसी भी प्रकार की लिंक पर क्लिक न करें ।
किसी भी साइट पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें ।
किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक संबंधी पासवर्ड, प्रोफाइल पासवर्ड इत्यादि साझा न करें ।
अनजान व्यक्ति द्वारा भेजा गया क्यू.आर. कोड स्कैन न करें, व उसके कहने पर किसी भी प्रकार के एप्स को इंस्टॉल न करें ।
अंजान व्यक्ति द्वारा भेजा गया मैसेज किसी भी नंबर पर  फॉर्वड करने को कहा जाय तो कदापि न करें ।
Shakeel kabeer

Cyber Crime Law Consultant and Tech Journalist by profession.Post graduate in cyber law and Journalism. Founder - cyber welfare society and WiFi India along with the team of IT experts.

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